University of Delhi
NAAC Grade A++ with CGPA 3.71 NIRF Rank # 12 (Amongst Colleges)“Life is like a game of cards. The hand you are dealt is determinism; the way you play it is free will.”
- Jawaharlal NehruIt gives me great pleasure to serve as the Chairman of Hansraj College's Governing Body. Hansraj College was founded in 1948 by the D.A.V. College Managing Committee in remembrance of Mahatma Hansraj and has since evolved to become India's premier college. Several national surveys have continuously put us among India's top ten colleges in recent years.
Our dynamic Principal, Prof. (Dr.) Rama, has guided students, instructors, and non-teaching staff alike to usher in winds of change, and has written the story of our success as an institution of eminence in recent years. The college has launched a number of new steps to revolutionize its infrastructure. These include the renovation of the college's Digital Learning Facilities, the installation of a Reverse Osmosis System, the creation of additional cyber labs in the Computer Science Department, and the construction of new seminar rooms.
Our efforts to excel as an educational institution are being realized through the support of a dedicated team of faculty members and the non-teaching staff. The credit for keeping our core institutional values intact goes to the entire Hansraj family that believes in combining modern, scientific instruction with time-tested Vedic wisdom.
This recognition of our accomplishments comes with a great deal of responsibility. We strive to keep our institutional procedures up to date in order to meet the needs of a rapidly evolving knowledge society and to provide our students with the intellectual resources and social skills they will need to prosper in the new world order.
Padma Shri Dr. Punam Suri
Chairman, Governing Body
Hansraj College
"जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।"
- जवाहर लाल नेहरूहंसराज कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में योगदान करना मेरे लिए अत्यंत ही हर्ष की बात है। हंसराज कॉलेज की स्थापना महात्मा हंसराज की स्मृति में 1948 में डीएवी कॉलेज प्रबंधकर्त्री समिति द्वारा की गई थी और तब से यह भारत के प्रमुख कॉलेज के रूप में उभर चुका है। कई राष्ट्रीय सर्वेक्षणों ने हमें हाल के वर्षों में निरंतर भारत के शीर्ष पांच कॉलेजों में रखा है।
हमारी गतिशील प्राचार्या प्रो. (डॉ.) रमा ने छात्रों, प्रशिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों में समान रूप से बदलाव की बयार के लिए अपना मार्गदर्शन दिया है और पिछले कुछ वर्षों में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में हमारी सफलता की कहानी लिखी है। कॉलेज ने अपने बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी विकास के लिए अनेक नए कदम उठाए हैं। इनमें कॉलेज की डिजिटल लर्निंग सुविधाओं का नवीनीकरण, रिवर्स ऑस्मोसिस सिस्टम की स्थापना, कंप्यूटर विज्ञान विभाग में अतिरिक्त साइबर लैब का निर्माण और नए सेमिनार कक्षों का निर्माण शामिल है।
एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में उत्कृष्टता प्राप्त करने के हमारे प्रयासों को संकाय सदस्यों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की एक समर्पित टीम के समर्थन से साकार किया जा रहा है। हमारे मूल संस्थागत मूल्यों को अक्षुण्ण रखने का श्रेय पूरे हंसराज परिवार को जाता है जो आधुनिक, वैज्ञानिक शिक्षा को काल-सिद्ध वैदिक ज्ञान के साथ जोड़ने में विश्वास रखता है।
हमारी उपलब्धियों को मिली यह मान्यता एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ आती है। हम तेजी से विकसित हो रहे ज्ञान समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए और अपने छात्रों को बौद्धिक संसाधन तथा सामाजिक कौशल प्रदान करने के लिए अपनी संस्थागत प्रक्रियाओं को अद्यतन बनाए रखने का प्रयास करते हैं, जो नई विश्व व्यवस्था में उनके विकसित होने के लिए आवश्यक होगा।
पद्मश्री डॉ. पूनम सूरी
अध्यक्ष, कॉलेज प्रबंध समिति
हंसराज कॉलेज